जून 14, 2025
मुंबई: भारत के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक बार फिर वैश्विक वित्तीय बाजार में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2.9 बिलियन डॉलर (लगभग ₹25,000 करोड़) का विशाल डुअल-करेंसी सिंडिकेटेड लोन हासिल किया है, जो 2023 के बाद भारत का सबसे बड़ा विदेशी कर्ज और 2025 में एशिया का सबसे बड़ा लोन सौदा माना जा रहा है। इस डील में 55 बैंकों का एक समूह शामिल है, जो इसे एशिया में इस साल की सबसे बड़ी बैंकिंग भागीदारी बनाता है।
लोन की संरचना और महत्व:
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह लोन 9 मई, 2025 को अंतिम रूप दिया गया और इसे दो हिस्सों में बांटा गया है: 2.4 बिलियन डॉलर का हिस्सा अमेरिकी डॉलर में और 67.7 बिलियन येन (लगभग 462 मिलियन डॉलर) का हिस्सा जापानी येन में। यह डील न केवल रिलायंस की मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक बैंकों के बीच कंपनी के प्रति भरोसे को भी उजागर करती है। रिलायंस की क्रेडिट रेटिंग मूडीज द्वारा Baa2 और फिच द्वारा BBB है, जो भारत की सॉवरेन रेटिंग से एक स्तर ऊपर है।
कर्ज का उद्देश्य:
रिलायंस इंडस्ट्रीज इस फंड का उपयोग अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को गति देने के लिए करेगी। कंपनी टेक्नोलॉजी, नई ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश कर रही है। मुकेश अंबानी ने अगस्त 2024 में हुए कंपनी के वार्षिक आम बैठक (AGM) में घोषणा की थी कि रिलायंस का लक्ष्य दुनिया की शीर्ष 30 सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल होना है। इस लोन से कंपनी अपनी इस दिशा में तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा, रिलायंस का नया ऊर्जा डिवीजन अगले 5-7 वर्षों में कंपनी के पारंपरिक तेल-से-रसायन (O2C) व्यवसाय के पैमाने और लाभप्रदता को टक्कर देने की तैयारी में है।
वैश्विक संदर्भ में उपलब्धि:
एशिया-प्रशांत क्षेत्र (जापान को छोड़कर) में सिंडिकेटेड लोन की मात्रा 2025 में 20 साल के निचले स्तर 29 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। ऐसे में रिलायंस का यह 2.9 बिलियन डॉलर का लोन इस क्षेत्र में कुल लोन वॉल्यूम का लगभग 10% है, जो कंपनी की वैश्विक वित्तीय प्रभाव को रेखांकित करता है। इस सौदे ने भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा में लिए गए लोन की मात्रा को 2025 में 10.4 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया है, जो पिछले एक दशक में सबसे तेज शुरुआत है।
रिलायंस की वित्तीय स्थिति:
रिलायंस इंडस्ट्रीज की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 1.13 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया, जिसके बाद भी इसका नेट डेट 1.17 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी वी. श्रीकांत ने हाल ही में कहा था कि रिलायंस की वित्तीय स्थिति स्थिर है और यह बड़े पैमाने पर निवेश को समर्थन देने में सक्षम है।
सोशल मीडिया पर चर्चा:
एक्स पर इस सौदे को लेकर जबरदस्त चर्चा हो रही है। एक यूजर ने लिखा, "₹25,000 करोड़ का लोन और 55 बैंक शामिल! यह न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया का सबसे बड़ा सौदा है। रिलायंस का बड़ा विस्तार होने वाला है।" वहीं, कुछ यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में कहा, "इतना पैसा लेकर अंबानी क्या करेंगे?
मुकेश अंबानी की अगुवाई में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस मेगा लोन के जरिए एक बार फिर अपनी वैश्विक ताकत का प्रदर्शन किया है। यह सौदा न केवल कंपनी की वित्तीय विश्वसनीयता को दर्शाता है, बल्कि भारत को वैश्विक वित्तीय बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। आने वाले वर्षों में रिलायंस की योजनाएं और निवेश निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डालेंगे।
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