जून 13, 2025
मुरादाबाद के बिलारी क्षेत्र में रामगोपाल यादव ने विवादित बयान दिया है जो कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर है
नई दिल्ली, 16 मई 2025: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने हाल ही में मुरादाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के संदर्भ में जाति और धर्म आधारित टिप्पणी की, जिसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों राष्ट्रीय स्तर पर विवाद का कारण बन गया। यादव ने दावा किया कि बीजेपी के एक मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को उनके मुस्लिम होने के कारण निशाना बनाया, जबकि व्योमिका सिंह को, जिन्हें राजपूत समझा गया, छोड़ दिया गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े प्रेस ब्रीफिंग में शामिल अधिकारियों की जाति और धर्म का उल्लेख करते हुए कहा, "एक को मुस्लिम होने के कारण गाली दी गई, दूसरी को राजपूत समझकर छोड़ दिया गया, और तीसरे (एयर मार्शल एके भारती) के बारे में पता नहीं था।"
इस बयान की तीखी आलोचना हुई, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे सेना के प्रति अपमानजनक करार दिया। उन्होंने X पर लिखा, "सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से नहीं देखा जाता। भारतीय सेना का हर सैनिक 'राष्ट्रधर्म' निभाता है, न कि किसी जाति या धर्म का प्रतिनिधित्व करता है।"
विवाद बढ़ने पर यादव ने 16 मई को X पर पोस्ट कर सफाई दी कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म के आधार पर कानून प्रवर्तन, सरकारी नियुक्तियों और जनमत को प्रभावित करने वाली मानसिकता को उजागर करना था। उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर बिना पूरा बयान सुने राजनीति करने का आरोप लगाया।
यह टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमले किए थे। कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह, और विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस ऑपरेशन से जुड़ी प्रेस ब्रीफिंग में नियमित रूप से शामिल थे। यादव ने बीजेपी पर तिरंगा यात्रा को चुनावी स्टंट करार देते हुए भी निशाना साधा।
प्रतिक्रियाएं:
बीजेपी: योगी आदित्यनाथ और अन्य बीजेपी नेताओं ने यादव के बयान को सैनिकों का अपमान और समाजवादी पार्टी की "जातिवादी मानसिकता" का सबूत बताया।
सोशल मीडिया: X पर कुछ यूजर्स ने यादव के बयान का समर्थन किया, इसे बीजेपी की "जातिवादी राजनीति" के खिलाफ सच बताने वाला बयान करार दिया। दूसरों ने इसे सेना का अपमान और विभाजनकारी बताया।
कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा: इस विवाद के संदर्भ में, कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा ने "हल्ला बोल" कार्यक्रम में कहा, "कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी का हो... गलत टिप्पणी करने वाला व्यक्ति गलत है. उसपर कार्रवाई एक्शन होना चाहिए..."। उनका बयान सामान्य रूप से गलत बयानबाजी के खिलाफ था, लेकिन इसे यादव के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है।
यादव का यह बयान समाजवादी पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि यह बीजेपी को विपक्ष पर हमला करने का मौका देता है। साथ ही, यह भारत-पाकिस्तान सीजफायर और ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अनावश्यक विवाद को जन्म दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी टिप्पणियां सैन्य बलों की एकता और राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पिछले विवाद:
2024: उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर को "बेकार" और वास्तु के हिसाब से गलत बताया, जिस पर योगी आदित्यनाथ ने इसे हिंदू समाज का अपमान करार दिया।
2024: उन्होंने CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद सफाई देनी पड़ी।
2024: संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा पर उन्होंने कहा, "पत्थरबाजी तो होगी, जब पुलिस ऐसे कार्रवाई करेगी।"
यादव के इस बयान ने सेना, जाति, और धर्म जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। यह देखना बाकी है कि क्या समाजवादी पार्टी इस मामले में और स्पष्टीकरण देगी या कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। साथ ही, बीजेपी इसे कितना बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाती है, यह भी भविष्य की राजनीति को प्रभावित करेगा।
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